इंसुलिन और ग्लूकोज शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने वाले प्रमुख तत्व हैं। जानें इंसुलिन क्या है, कैसे काम करता है और मधुमेह से कैसे बचा जा सकता है — आसान भाषा में।
हम जो भी खाना खाते हैं, उसमें से बहुत कुछ ग्लूकोज (शुगर) में बदल जाता है। यह ग्लूकोज हमारे शरीर को ऊर्जा देने वाला ईंधन है। लेकिन, इस ईंधन को ठीक से इस्तेमाल कराने का काम करता है – इंसुलिन।
चलिए, आसान भाषा में समझते हैं कि ये दोनों मिलकर हमारे शरीर में क्या कमाल करते हैं।
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🍚 ग्लूकोज क्या है?
यह एक प्रकार की शुगर (चीनी) है।
जब आप रोटी, चावल, फल, या मिठाई खाते हैं – तो शरीर उसे पचाकर ग्लूकोज में बदल देता है।
यह ग्लूकोज हमारे खून में घुल जाता है और शरीर को ऊर्जा देता है।
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💉 इंसुलिन क्या है?
इंसुलिन एक हार्मोन है, जो अग्न्याशय (Pancreas) नाम की ग्रंथि बनाती है।
इसका काम है:
खून में मौजूद ग्लूकोज को कोशिकाओं के अंदर पहुँचाना, ताकि वे उसे ऊर्जा में बदल सकें।
खून में ग्लूकोज की मात्रा को संतुलन में रखना।
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🧠 सरल उदाहरण से समझिए:
कल्पना कीजिए,
ग्लूकोज = दूध से भरी बाल्टी
कोशिकाएं = छोटे-छोटे कमरे
इंसुलिन = उन कमरों की चाबी
जब इंसुलिन आता है, तो वह कमरे की चाबी देता है ताकि दूध (ग्लूकोज) कमरे में रख दिया जाए। अगर चाबी (इंसुलिन) नहीं मिले, तो दूध बाहर ही बहता रहेगा – और यही होता है डायबिटीज में।
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🩺 डायबिटीज कब होती है?
1. टाइप 1 डायबिटीज:
शरीर इंसुलिन बनाना ही बंद कर देता है।
2. टाइप 2 डायबिटीज:
शरीर इंसुलिन तो बनाता है, लेकिन उसका असर नहीं होता।
दोनों ही स्थिति में, ग्लूकोज खून में जमा होता है, और ब्लड शुगर बढ़ जाती है।
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🥗 शरीर को स्वस्थ रखने के उपाय:
✅ संतुलित भोजन
✅ रोज़ाना थोड़ी एक्सरसाइज़
✅ ज़रूरत हो तो इंसुलिन इंजेक्शन
✅ समय-समय पर शुगर की जांच
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